केतु का स्वभाव एवं प्रभाव

केतु जड़ का प्रतिनिधित्व करता है.. सूक्ष्म सेे भी जो सूक्ष्म है वहां तक पहुंचना ही केतु का स्वभाव है.. मूल रूप से समझा जाए तो सूक्ष्मता की पराकाष्ठा से होते हुए शून्यता को प्राप्त करना ही केतु का मुख्य उद्देश्य है... केतु उस परम तत्व को पाने की तड़प है जिसे हम परमात्मा कहते हैं... केतु प्रभावित व्यक्ति कभी कभी असफल भी इसी कारण होता है कि किसी भी विषय की सूक्ष्मता में विचार करने की आदत के कारण समय पर कार्य कर ही नहीं पाता... नकारात्मक केतु से प्रभावित व्यक्ति के पास समाधान में भी समस्या खोजने की प्रवृत्ति होती है.. व सकारात्मक केतु एक योगी की भांति होता है जिसके पास हर समस्या का समाधान होता है...

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Astrologer Vani has Specialization in Vedic KP and Bhrigu Nandi Nadi System of Astrology Several...

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