रुद्राक्ष इतना प्रसिद्ध है कि इसका परिचय सुविख्यात है,सिद्धि और मनोकामना पूर्ति के अनेक प्रयोग इसके माध्यम से किए जाते हैं,इसे भगवान शिव के नेत्रों से टपका हुवा आंसू माना जाता है
रुद्राक्ष एक नेचुरल बीज है यह दो मुखी पंचमुखी जैसे रूपों में मिलता है जिसके अलग अलग लाभ है
इसे भौतिक लाभों के साथ साथ वैराग्य और आत्मा, परमात्मा से संबंधों से जुड़ने के लिए भी प्रयोग किया जाता है
रूद्राक्ष की एनर्जी मुख्यतः आज्ञा चक्र या थर्ड आई से कनेक्ट करती है जो सभी रहस्यों की चाबी है,यह चेतना से जुड़ कर शिवत्व को प्राप्त करने का माध्यम है
रुद्राक्ष के आयुर्वेदिक लाभ भी है
इसे घर के पीने के पानी के मटके में डाल कर रखें, इससे पानी मे सकारात्मक ऊर्जा पैदा होती है और अनेक बीमारियों में लाभ होता है,गले मे ऐसा रुद्राक्ष धारण करें जो ह्रदय को छूता हो इससे ब्लड प्रेशर और हार्ट की बीमारी में लाभ होता है
रुद्राक्ष की 108 मनकों की माला से जाप करने से शीघ्र सिद्धि प्राप्त होती है
शिव महापुराण के अनुसार रुद्राक्ष धारण करने वाले से यमराज भी डरते हैं याने उसे मृत्यु का भय नही रहता ।
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-प्रस्तुतिकरण-
एस्ट्रोवाणी डॉक्टर वाणी वेदायनी
(ज्योतिषाचार्य,हस्त रेखा,रेकी मास्टर शिव योग साधक श्रीविद्या श्मभावी हीलर,क्रिस्टल हीलर, रत्न विशेषज्ञ ,न्यूमैरोलॉजिस्ट)
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।।जय जय श्री सीताराम।।
।।हर हर महादेव।।