सियार सिंगी और हाथा जोड़ी

*Insight Aura Prabha Jain* हमारी सनातन संस्कृति में प्रकृति को परमात्मा सदृश मानकर उसकी आराधना की गई है। प्रकृति परमात्मा का ही अंग है इसीलिए हमने नदियों,पर्वतों एवं वृक्षों की पूजा की। हमारे वनस्पति शास्त्र में कई ऐसी दुर्लभ जड़ी-बूटियों का उल्लेख है जिन्हें प्राप्त कर पूर्ण विधि-विधान से सिद्ध कर लेने पर मनुष्य को आशातीत लाभ होता है। ऐसी ही एक अति-दुर्लभ जड़ी है 'हत्थाजोड़ी'। जो मूल रूप में एक वृक्ष की जड़ होती है। दुरुपयोग की आशंका के चलते हम उस वृक्ष के नाम का उल्लेख यहां नहीं कर रहे हैं। 'हत्थाजोड़ी' में वशीकरण की बड़ी अद्भुत क्षमता होती है। इसमें मां भगवती चामुंडा का वास माना गया है। इसकी आकृति मनुष्य के दोनों हाथ की बंद मुट्ठियों की भांति होती है। यह अत्यंत दुर्लभ जड़ है जो बहुत कम प्राप्त हो पाती है। बहरहाल प्राकृतिक 'हत्थाजोड़ी' को विधिपूर्वक पूर्व निमन्त्रित कर निकाला जाता है एवं विशेष मुहूर्तों जैसे रवि-पुष्य, गुरु-पुष्य, नवरात्रि,ग्रहणकाल, होली, दीपावली में विशेष मंत्रों द्वारा सिद्ध किया जाता है। सिद्धि के पश्चात् इसे चांदी की डिब्बी में सिंदूर के साथ रखा जाता है। इस प्रकार की मंत्र सिद्ध हत्थाजोड़ी जिस व्यक्ति के पास होती है वह वशीकरण करने में सक्षम हो जाता है। उस पर मां चामुंडा की कृपा सदैव बनी रहती है। मंत्र सिद्ध हत्थाजोड़ी के लाभ- 1. मंत्र सिद्ध हत्थाजोड़ी पर अर्पित किए गए सिंदूर का तिलक करने से मनुष्य में वशीकरण क्षमता आ जाती है। 2 . मंत्र सिद्ध हत्थाजोड़ी को लाल रेशमी वस्त्र में बांधकर तिजोरी में रखने से धन की कमी नहीं रहती। 3 . मंत्र सिद्ध हत्थाजोड़ी को अपने व्यापारिक प्रतिष्ठान में रखने व्यापार में वृद्धि होती है। 4 .मंत्र सिद्ध हत्थाजोड़ी के सम्मुख शत्रु दमन मंत्र का जप करने से शत्रु पीड़ा से मुक्ति मिलती है। 5. मंत्र सिद्ध हत्थाजोड़ी के पास रहने से कोर्ट-कचहरी व मुकदमे इत्यादि में सफ़लता मिलती है। हत्था जोड़ी से ये होते हैं लाभ हत्‍था जोड़ी के प्रभाव में व्‍यापार में वृद्धि होती है। किसी भी कंगाल व्यक्ति को मालामाल बना सकती है हत्था जोड़ी। आर्थिक परेशानियों से निपटने के लिए काफी लाभकारी सिद्ध होती है हत्‍था जोड़ी। इस जड़ को घर में रखने से इसके प्रभाव में दरिद्रता और पैसे से संबंधित सभी प्रकार की परेशानियां दूर होती हैं। मुकदमें में जीत और शत्रु को परास्त करने में हत्‍था जोड़ी काफी मददगार सिद्ध होता है। इसकी जड़ से आप वशीकरण और भूत-प्रेत जैसी बाधाओं को भी दूर कर सकते है। इस तरह करें प्रयोग मंदिर अथवा तिजोरी में हत्‍था जोड़ी स्‍थापित करने के बाद रोज उसके आगे चामुंडा मंत्र का जाप करें। या नवार्ण मंत्र का जाप करना अत्यंत लाभ दायक होता है। किसी महत्‍वपूर्ण कार्य के लिए जाते समय हत्‍था जोड़ी को अपनी जेब में रखें। शत्रु या विरोधी परेशान कर रहे हैं तो इस जड़ को ताबीज़ बना कर अपने गले में डाल लें। इन बातों का विशेष रुप से ध्यान रखें यदि आपके पास सिद्ध हत्‍था जोड़ी है तो इस बारे में किसी को न बताएं, ऐसा करने से इसका शुभ प्रभाव खत्म होजाता है। हत्‍था जोड़ी को किसी शुभ मुहूर्त में ही लाएं व उसे सिद्ध करके ही स्थापित करें। अन्यथा सिद्ध करके ही मंगवाए। इसकी पवित्रता को बनाए रखने हेतु इसे किसी साफ स्‍थान पर रखें। गलत कार्यों की पूर्ति के लिए इस जड़ का प्रयोग कभी न करें। हत्था जोड़ी अधिकतर मध्यप्रदेश ही में पाई जाती है। हत्था जोड़ी की जड़ देखने पर ऐसी लगती है मानो दोनो हाथों की उंगलिया आपस मे फाँसी हुई हो।ऐसी आकृति बनी हुई दिखाई देती है। हत्था जोड़ी में दो जड़ रहती है। एक को हत्था एवं दूसरे को जोड़ी कहते है। जिसमें एक स्त्री और दुसरी पुरुष का रुप मानी जाती है। प्रेक्षा साधक ट्रेनर, न्यूमरोलॉजी,ज्योतिष, वास्तु,हस्तरेखा विशेषज्ञ डिवाइन एनर्जी प्रभा जैन

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